छठ पूजा की कथा हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से दो प्रमुख कथाएं इस प्रकार हैं:
1. कर्ण की कथा:
महाभारत के समय की एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, कर्ण, जो सूर्य देव के परम भक्त थे, ने छठ पूजा का पालन किया था। कर्ण भगवान सूर्य की उपासना करते थे और उन्होंने अपनी अद्वितीय शक्ति और साहस का श्रेय सूर्य उपासना को दिया। माना जाता है कि कर्ण प्रतिदिन घंटों तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते थे, जिससे उन्हें असीम ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती थी।
2. रामायण से जुड़ी कथा:
एक अन्य कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम और माता सीता ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने पर छठ पूजा की थी। यह कहा जाता है कि उन्होंने कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य देवता की पूजा की थी और अर्घ्य देकर उन्हें धन्यवाद किया था। इसी दिन से छठ पूजा की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है।
छठ पूजा का महत्व:
छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे संतान सुख, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं। यह पूजा विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। भक्त चार दिन के कठोर व्रत और उपवास के माध्यम से अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
इन कथाओं के अनुसार, छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह श्रद्धा, त्याग और संकल्प की भी मिसाल है।