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“भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की महिमा: जन्माष्टमी का पावन पर्व”

Byadmin

Aug 26, 2024
जनमाष्टमी एक हिंदू त्योहार है, जो पूरे भारतभर में मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. यह त्यौहार हर साल सितंबर और अक्टूबर के महीने में आता है  इस त्यौहार को गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी और कई नामों से जाना जाता है। पुरानी कथाओ के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म मुथरा में हुआ जिनकी माता देवकी या पिता का नाम वासुदेव था।  भगवान कृष्ण जी का जन्म रक्ष कंस के अत्याचार से मुक्त करने के लिए हुआ था। कंस रिश्ते में देवकी जी के भाई थे इसीलिए वह रिश्ते में भगवान कृष्ण के मामा जी लगते थे।   

भगवान कृष्ण जी विष्णु के आठवें अवतार हैं। जब देवकी और वासुदेव की शादी हुई तो भगवान एक आकाशवाणी हुई जिसमें ये बोला गया जब देवकी जी 8 संतान होंगी तो कंस की मृत्यु हो जाएगी। ये सुनते हीकंस ने देवकी और वासुदेव को कारावास की सजा दी। मृत्यु के भय से कंस ने देवकी की 6 संतान को मार दिया 7वी संतान बलराम थे। 8वी संतान कृष्ण जी जिनका जन्म रात के समय हुआ था। जब भगवान कृष्ण जी जन्म हुआ तब कारावास के दरवाजे आपने आप खुल गए तब वासुदेव जी कृष्ण जी को लेके बाबा नंद और माता यशोदा के यहाँ छोड़ आए जो गोकुल में रहते थे। भगवान कृष्ण के जन्म पर जन्माष्टमी मनाया जाता है। इस दिन मंदिर बहुत अच्छे से सजाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं. पूजा अर्चना होती है रात के समय भगवान कृष्ण जी का जन्म करवाया जाता है इस्नान और नए पोशाक पहनाया जाता हैं। इस दिन कुछ लोग दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।भगवान कृष्ण को माखन बहुत पसंद था, इसलिए इसे एक महत्वपूर्ण व्यंजन माना जाता है। छोटे गोपाल को खुश करने के लिए, भक्त दूध, सूखे मेवे, चीनी, और खोये से बनी मिठाइयाँ चढ़ाते हैं ।

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2 thoughts on ““भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की महिमा: जन्माष्टमी का पावन पर्व””
    1. Thank you so much for your kind words! I’m thrilled you found the blog informative and appreciated the narrative style. Your feedback means a lot and motivates me to continue delivering quality content. Thanks for reading, and I hope you stay tuned for more!

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