अतुल सुभाष मामला हाल ही में चर्चा का विषय बना हुआ है। बेंगलुरु के 34 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर, 2024 को आत्महत्या कर ली। उन्होंने 24 पृष्ठों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर उत्पीड़न और ब्लैकमेल के आरोप लगाए।
घटना का समयरेखा
- अप्रैल 2019: अतुल सुभाष ने निकिता सिंघानिया से विवाह किया।
- अगस्त 2019: निकिता के पिता को स्ट्रोक हुआ और उनका निधन हो गया।
- 2020: निकिता ने अतुल के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई।
- 2021: निकिता ने वित्तीय मांगों के विवाद के बाद बेंगलुरु छोड़ दिया।
- 2022: निकिता ने अतुल के खिलाफ कई मामले दर्ज कराए, जिनमें दहेज उत्पीड़न और मारपीट शामिल हैं।
- जुलाई 2024: जौनपुर के एक परिवार न्यायालय ने अतुल को बाल समर्थन के लिए प्रति माह ₹40,000 देने का आदेश दिया।
- 9 दिसंबर 2024: अतुल ने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली।
- 10 दिसंबर 2024: अतुल के परिवार ने निकिता और उनके परिवार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया।
- 14 दिसंबर 2024: निकिता और उनके परिवार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की।
- 15 दिसंबर 2024: निकिता को गुरुग्राम में गिरफ्तार किया गया, जबकि उनकी माँ और भाई को प्रयागराज में हिरासत में लिया गया।
अतिरिक्त आरोप
अतुल ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में आरोप लगाया कि निकिता और उनके परिवार ने 3 करोड़ रुपये की मांग की और उनके बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये की मांग की। उन्होंने एक परिवार न्यायालय के जज पर मामले को निपटाने के लिए 50 लाख रुपये मांगने का आरोप भी लगाया।
मामले का विवरण
आत्महत्या का कारण: अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में बताया कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार ने उन्हें लगातार परेशान किया और ₹3 करोड़ की मांग की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराए थे।
गिरफ्तारी: निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम, हरियाणा से गिरफ्तार किया गया, जबकि उनकी माँ निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया. इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बच्चे की हिरासत: अतुल की माँ, अंजू मोदी, ने अपने 4 वर्षीय पोते की हिरासत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसकी लोकेशन अभी तक अज्ञात है. कोर्ट ने इस मामले में कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, और हरियाणा की सरकारों को नोटिस जारी किया है।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया: इस मामले ने सार्वजनिक आक्रोश को जन्म दिया है और पुरुषों के लिए कानूनी सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. अतुल के परिवार ने न्याय की मांग की है और उनके बेटे की लोकेशन के बारे में जानकारी मांगी है।
वर्तमान स्थिति
अतुल सुभाष द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच अभी भी जारी है। पुलिस ने कहा है कि यदि आरोपों को साबित किया गया तो चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इस मामले ने कानून के दुरुपयोग और लिंग-निष्पक्ष कानूनों की आवश्यकता पर चर्चा को जन्म दिया है।