आज, 25 नवंबर से वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप फाइनल का आगाज़ हो रहा है। इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का आयोजन सिंगापुर के वर्ल्ड सेंटोसा के इक्वेरियम होटल में किया जा रहा है। फाइनल मुकाबला भारतीय शतरंज खिलाड़ी गुकेश और मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन के बीच होगा।
सिंगापुर ने इस मुकाबले की मेजबानी के लिए नीलामी में 20.86 करोड़ रुपये (2.5 मिलियन यूएस डॉलर) की बोली लगाई थी, जिसे जीतकर उन्होंने मेजबानी का अधिकार प्राप्त किया। वर्ल्ड चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए FIDE को तीन आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से दो भारत से (नई दिल्ली और चेन्नई) और एक सिंगापुर से थे। सिंगापुर की बोली जीतने पर इसे मेजबानी का अवसर मिला।
फाइनल मुकाबले में 14 राउंड होंगे, और यदि आवश्यकता पड़ी तो टाईब्रेकर्स भी होंगे। हर जीतने वाले गेम पर खिलाड़ी को 1 पॉइंट और ड्रॉ पर 0.5 पॉइंट मिलेगा। चैंपियनशिप जीतने के लिए 7.5 पॉइंट की आवश्यकता होगी। यदि 14 राउंड के बाद भी स्कोर टाई रहता है, तो फास्टर टाइम कंट्रोल के साथ टाईब्रेकर्स के माध्यम से विजेता घोषित किया जाएगा। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि दो एशियाई खिलाड़ी विश्व विजेता बनने के लिए आमने-सामने हैं।
इस मुकाबले में सबकी नजरें युवा डी गुकेश पर होंगी। यदि वह मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को मात देने में सफल रहते हैं, तो वह वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। इससे पहले विश्वनाथन आनंद पांच बार वर्ल्ड चैंपियन बन चुके हैं।
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में नई ऊंचाइयां छूते डी गुकेश
कैंडिडेट्स चेस जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी: 17 साल के डी गुकेश ने अप्रैल महीने में टोरंटो में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीता। वे ऐसा करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। इससे पहले, 1984 में रूसी खिलाड़ी गैरी कास्परोव ने सबसे कम उम्र, 22 साल में यह टूर्नामेंट जीता था।
दूसरे भारतीय विजेता: गुकेश कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले, पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने 1995 में यह टूर्नामेंट जीता था, जब उनकी उम्र 26 साल थी।
गुकेश की प्रतिक्रिया: जीत के बाद गुकेश ने कहा, “बहुत खुशी हो रही है। मैंने अपने सहयोगी ग्रिगोरी गैजेव्स्की के साथ काफी तैयारी की थी। इससे मुझे बहुत मदद मिली।”
डी गुकेश: एक परिचय
कौन हैं डी गुकेश: डोमाराजू गुकेश का जन्म 7 मई 2006 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उनकी शुरुआती कोचिंग भास्कर नागैया ने की थी, जो एक इंटरनेशनल स्तर के चेस खिलाड़ी और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी।
परिवार: गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं।
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